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Showing posts from July, 2018

चुम्बकीय शक्ति द्वारा रक्त प्रदर का ईलाज

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चुम्बकीय शक्ति द्वारा रक्त प्रदर का ईलाज यह स्त्रियों को होने वाला रोग है, जिसमें माहवारी इसके अलावा एक अन्य अवस्था ऐसी होती है, जिसमें बहुत या माहवारी से इसका कोई सम्बन्ध नहीं होता। इस अवस्था को रक्त प्रव अवधि के अंदर ही कभी-कभी सामान्य स्थिति हो जाती है, जवान लड़ प्रत्येक ऋतुस्राव के दौरान एक सप्ताह तक गतिशील रहती है। स्त्रियों में यह अवस्था रजोनिवृत्ति (Menopause) के समय बहुतायत से पाई जाती है। योनि मार्ग से अनियमित तथा अधिक खून बहने के कुछ मुख्य कारण हैं–गर्भपात, गर्भाशय के अंदर किसी प्रकार की रसौली, फाइब्रोइड का होना, बच्चेदानी के अंदर की सतह पर घाव तथा खून की कमी, गलगण्ड (Goitre) की उत्पत्ति होना आदि। अधिक खुन जाने से चेहरा पीला पड़ जाता है, आँखे अंदर की ओर धंस जाती हैं, हाथ-पैर ठण्डे हो जाते हैं, नजर और नाडी कमजोर हो जाती है, कानों में भिनभिनाहट होती है, सिरदर्द रहता है। Follow-me Facebook page click this link चुम्बकीय शक्ति द्वारा रक्त प्रदर का ईलाज सामान्य उपचार 1. सादा तथा शीघ्र पचने वाला भोजन करें। 2. शारीरिक परिश्रम, कोई व्यायाम या योग करें। 3. मानसिक

मूत्राशय की जलन

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मूत्राशय की जलन  शुष्क धनिया (दाना) को मोटा-मोटा कूटकर इसका छिलका अलग करें और बीजों के अन्दर की गिरी निकालकर ३०० ग्राम धनिया की गिरी (प्रायः ४५० ग्राम धनिया में से २०० ग्राम गिरी निकल जाती है) तथा बराबर वजन ३०० ग्राम मिश्री कूजा (या चीनी) ले। दोनों को अलग-अलग पीसकर आपस में मिला लें। बस दवा तैयार है। Follow-me facebook मूत्राशय की जलन  सेवन विधि -प्रात:सायं छः छः ग्राम की मात्रा से यह चूर्ण बासी पानी के साथ दिन में दो बार लें। प्रातः बिना खाये-पीये रात को बासी पानी से छः ग्राम फाँक लें और तत्पश्चात् एक-दो घंटे तक और कुछ न खाएँ। इसी प्रकार छ: ग्राम दवा शाम ४ बजे लगभग प्रात: के रखे हुए पानी के साथ फाँक लें। रात का भोजन इसके दो घंटे पश्चात् करें। यह मूत्राशय की जलन दूर करने में अद्वितीय है । आवश्यकतानुसार तीन दिन से इक्कीस दिन तक लें । Follow-me instagram मूत्राशय की जलन  विशेष —(१ ) मूत्राशय की जलन के अतिरिक्त वीर्य की उत्तेजना दूर करने में यह प्रयोग अचूक है। भयंकर और कठिन से कठिन स्वप्नदोष की बीमारी में इसकी पहली दो खुराकों से ही लाभ प्रतीत होगा। इसे इस बीमारी में

पेट में कीड़े कैसे नष्ट करे?

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तीन साल से पाँच साल के बच्चों के लिए प्रथम विधि - अजवायन का चूर्ण आधा ग्राम लेकर समभाग गुड़ में गोली बनाकर दिन में तीन बार खिलाने से सभी प्रकार के पेट के कीड़े नष्ट होते हैं। Follow-me facebook page पेट मे कीड़े दूसरी विधि - सबह उठते ही बच्चे दस ग्राम (और बड़े व्यक्ति २५ ग्राम) गुड़ खाकर दस पन्द्रह मिनट आराम करें। इससे आंतों में चिपके सब कीड़े निकलकर एक जगह जमा हो जायेंगे। फिर बच्चे आधा ग्राम (और बड़े एक-दो ग्राम) अजवायन का चूर्ण बासी पानी के साथ खायें। इससे आंतों में मौजूद सब प्रकार के कीड़े। एकदम नष्ट होकर मल के साथ शीघ्र ही बाहर निकल जाते हैं। Follow-me instagram पेट मे कीड़े तीसरी विधि - अजवायन चूर्ण आधा ग्राम में चुटकी भर काला नमक मिलाकर रात्रि के समय रोजाना गर्म जल से देने से बालकों के कृमि नष्ट होते हैं। बड़े व्यक्ति अजवायन के चूर्ण चार भाग में काला नमक एक भाग मिलाकर दो ग्राम की मात्रा से गर्म पानी के साथ फाँक लें। विशेष — दूषित जल के सेवन से बच्चों के पेट में कृमि से बचने के लिए भी इस विधि से सेवन करना चाहिए। इससे वायु गोला और अफारा नाश होता है।