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Showing posts from December, 2018

चुम्बकीय शक्ति द्वारा रक्त प्रदर का ईलाज

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चुम्बकीय शक्ति द्वारा रक्त प्रदर का ईलाज यह स्त्रियों को होने वाला रोग है, जिसमें माहवारी इसके अलावा एक अन्य अवस्था ऐसी होती है, जिसमें बहुत या माहवारी से इसका कोई सम्बन्ध नहीं होता। इस अवस्था को रक्त प्रव अवधि के अंदर ही कभी-कभी सामान्य स्थिति हो जाती है, जवान लड़ प्रत्येक ऋतुस्राव के दौरान एक सप्ताह तक गतिशील रहती है। स्त्रियों में यह अवस्था रजोनिवृत्ति (Menopause) के समय बहुतायत से पाई जाती है। योनि मार्ग से अनियमित तथा अधिक खून बहने के कुछ मुख्य कारण हैं–गर्भपात, गर्भाशय के अंदर किसी प्रकार की रसौली, फाइब्रोइड का होना, बच्चेदानी के अंदर की सतह पर घाव तथा खून की कमी, गलगण्ड (Goitre) की उत्पत्ति होना आदि। अधिक खुन जाने से चेहरा पीला पड़ जाता है, आँखे अंदर की ओर धंस जाती हैं, हाथ-पैर ठण्डे हो जाते हैं, नजर और नाडी कमजोर हो जाती है, कानों में भिनभिनाहट होती है, सिरदर्द रहता है। Follow-me Facebook page click this link चुम्बकीय शक्ति द्वारा रक्त प्रदर का ईलाज सामान्य उपचार 1. सादा तथा शीघ्र पचने वाला भोजन करें। 2. शारीरिक परिश्रम, कोई व्यायाम या योग करें। 3. मानसिक

स्तनों में दूध बढ़ाइए

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स्तनों में दूध बढ़ाइए प्रसव के बाद अनेक स्त्रियों के स्तनों में दूध पर्याप्त मात्रा में नहीं होता, जिससे शिशु का समुचित विकास नहीं हो पाता. इसके लिए कुछ उपयोगी नुस्खे दिए जा रहे हैं. Follow-me Facebook page स्तनों में दूध बढ़ाइए नुस्खे- शिशु जन्म के बाद यदि स्त्री के स्तनों में दूध पर्याप्त मात्रा में न निकले, तो उसे उड़द की दाल का भरपूर सेवन करना चाहिए. Follow-me instagram स्तनों में दूध बढ़ाइए • अरहर की दाल में यथेष्ट घी मिलाकर पिलाने से स्त्री के स्तनों में दूध की मात्रा बढ़ जाती है. नासपाती, अंगूर, चीकू, पपीता के सेवन से भी स्तनों में दूध की वृद्धि होती है. • ५० ग्राम शतावरी और ५० ग्राम मिश्री- दोनों को खूब बारीक़ पीसकर मैदा छानने की छलनी से छान कर शीशी में भर लें. एक ग्राम इसे फांक कर एक ग्लास दूध पीने से स्त्रियों के स्तनों में दूध की वृद्धि होती है. जिन स्त्रियों में दूध की कमी हो, उनके लिए यह नुस्ख़ा वरदान स्वरूप है. यह योग १५ दिन तक करना ही काफ़ी है. • रात को गेहूं भिगोकर रख दें, सुबह उन्हें हाथों से अच्छी तरह मसल कर गुड़ के साथ खाएं और ऊपर से वह पान

लड़कियां अपनी श्वेतप्रदर कैसे ठीक करें?

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लड़कियां अपनी श्वेतप्रदर कैसे ठीक करें? श्वेतप्रदर स्त्रियों को होने वाला एक सामान्य रोग है, जो उनको । बहुत ही पीड़ादाई स्थिति में पहुंचा देता है. इस रोग के कई कारण हैं। जैसे- गुप्तांगों की सफ़ाई न करना, खून की कमी, अधिक मैथुन, तेल, मसाले, चटपटे व तीखे पदार्थों का अत्यधिक सेवन, कामुक विचार योनि में जंतु संसर्ग, योनि या गर्भाशय के मुंह पर छाले, ऋतुस्राव की विकृति, अधिक संतान होना, मूत्र स्थान में संक्रमण आदि। Follow-me facebook page लड़कियां अपनी श्वेतप्रदर कैसे ठीक करें? लक्षण: श्वेत प्रदर के प्रारंभ में स्त्री को दुर्बलता का अनुभव होता है. खून कम होने से चक्कर आना, आंखों के सामने अंधेरा छा जाना, भूख न लगना, शौच साफ़ न होना, बार-बार पेशाब, पेट में भारीपन, कटिशूल, योनि में खुजली आदि लक्षण पाए जाते हैं. मासिक धर्म से पहले या बाद में श्वेतप्रदर सफ़ेद लसदार होता है. इसमें रोगी का चेहरा पीला पड़ जाता है। Follow-me instagram लड़कियां अपनी श्वेतप्रदर कैसे ठीक करें? नुस्खे •३ ग्राम आंवले का चूर्ण मधु के साथ दिन में तीन बार चाटने से लाभ होता है. • दो-तीन पके केले नित्

चुम्बक द्वारा हर्निया का ईलाज

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चुम्बक द्वारा हर्निया का ईलाज हर्निया आँत की एक व्याधि है, जिसे आँत उतरना कहा जाता है। इस रोग में आत (पट. की नाडियाँ) पड़े, नाभि या अंडकोष में प्रवेश कर जाती हैं। जब तक यह ऑते अपनी जगह पर नहीं आ जातीं, तब तक रोगी को चैन नहीं पड़ता है। अत्यधिक बोझ वाला सामान उठाना, कब्ज का लगातार बने रहना, अधिक परिश्रम, मल त्याग करते समय अधिक जोर लगाना, पेट पर अधिक प्रेशर पड़ना आदि कारणों से आँत उतरने की तकलीफ उत्पन्न हो जाती है। इस रोग को आत्रवृद्धि रोग भी कहा जाता है। मुख्य रूप यह दो प्रकार का होता है— (1) नाभि गत, (2) वृषण गत। इस रोग के होने पर रोगी को बुखार आ जाता है, उल्टी हो जाती है, हिचकी आते समय ऐसा लगता है जैसे आमाशय फट जायेगा। हालांकि यह कोई गम्भीर रोग नहीं है। जब आँत अपने स्थान पर आ जाती है तो व्यक्ति स्वाभाविक स्थिति में आ जाता है और अपना काम करता रहता है। आधुनिक चिकित्सा जगत में इसका एकमात्र उपचार ऑपरेशन है। Follow-me Facebook page चुम्बक द्वारा हर्निया का ईलाज   सामान्य उपचार👇 1. रोगी को साइकिल चलाने, कूदने, भारी वजन उठाने तथा दौड़ लगाने से परहेज करना चाहिए। 2. शीघ

चुम्बक द्वारा एलर्जी का ईलाज

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चुम्बक द्वारा एलर्जी का ईलाज कारण - पित्त कुपित होकर जब खून को दूषित कर देता है तो यह बीमारी हो जाता है। इसी को एलर्जी (अनूर्जता) नाम से जाना जाता है। यह नाक, आँख, कान, शरीर के किसी भी भाग में हो सकती है। इसके अतिरिक्त शरीर पर गर्म तथा ठण्ड के प्रभाव के कारण भी हो जाती है। कुछ लोगों को धूप में जाने से एलर्जी हो जाती है, कछ लोगों को मिर्च खाने से एलर्जी हो जाती है। Follow-me Facebook Page चुम्बक द्वारा एलर्जी का ईलाज लक्षण - शरीर में माँस के चकत्ते हो जाते हैं। खुजली अधिक चलने लग जाती है। यह अधिक समय तक बने रहने वाला रोग नहीं है, समयानुसार यह समाप्त हो जाता है। कई बार एलर्जी के चलते रोगी को खाँसी, श्वास का तेज चलना, गर्मी का अधिक लगना, मूच्छ आना, प्यास अधिक लगना, सिर में गर्मी और पसीने अधिक आने लगते हैं। Follow-me instagram चुम्बक द्वारा एलर्जी का ईलाज सामान्य उपचार👇 1. जिस विशेष वस्तु से एलर्जी हो, उसे दूर रखना चाहिए। 2. मादक पदार्थ एवं व्यसन से बचाव करें। 3. पुराने चावल, सादा चावल, जौ, मूंग, चना आदि पदार्थ खाने को देने चाहिए। 4. मिर्च-मसाले, खटाई एवं