चुम्बकीय शक्ति द्वारा रक्त प्रदर का ईलाज

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चुम्बकीय शक्ति द्वारा रक्त प्रदर का ईलाज यह स्त्रियों को होने वाला रोग है, जिसमें माहवारी इसके अलावा एक अन्य अवस्था ऐसी होती है, जिसमें बहुत या माहवारी से इसका कोई सम्बन्ध नहीं होता। इस अवस्था को रक्त प्रव अवधि के अंदर ही कभी-कभी सामान्य स्थिति हो जाती है, जवान लड़ प्रत्येक ऋतुस्राव के दौरान एक सप्ताह तक गतिशील रहती है। स्त्रियों में यह अवस्था रजोनिवृत्ति (Menopause) के समय बहुतायत से पाई जाती है। योनि मार्ग से अनियमित तथा अधिक खून बहने के कुछ मुख्य कारण हैं–गर्भपात, गर्भाशय के अंदर किसी प्रकार की रसौली, फाइब्रोइड का होना, बच्चेदानी के अंदर की सतह पर घाव तथा खून की कमी, गलगण्ड (Goitre) की उत्पत्ति होना आदि। अधिक खुन जाने से चेहरा पीला पड़ जाता है, आँखे अंदर की ओर धंस जाती हैं, हाथ-पैर ठण्डे हो जाते हैं, नजर और नाडी कमजोर हो जाती है, कानों में भिनभिनाहट होती है, सिरदर्द रहता है। Follow-me Facebook page click this link चुम्बकीय शक्ति द्वारा रक्त प्रदर का ईलाज सामान्य उपचार 1. सादा तथा शीघ्र पचने वाला भोजन करें। 2. शारीरिक परिश्रम, कोई व्यायाम या योग करें। 3. मानसिक

दांत और जीभ की कहानी

दांत और जीभ की कहानी
दांत और जीभ की कहानी

एक चीनी संत बहुत बूढे हो गए थे. मरने का समय निकट आया तो उनके सभी शिष्य अंतिम उपदेश सुनने के लिए एकत्रित हुए | उपदेश न देकर संत ने अपना मुख खोला और शिष्यों से पूछा,Follow-me Facebook Page click this link


दांत और जीभ की कहानी
दांत और जीभ की कहानी

देखो मेरे मुख में दांत है क्या? | शिष्यों ने उत्तर दिया, “एक भी नहीं, | दूसरी बार फिर उन्होंने मुख खोला और पूछा, “देखो इसमें जीभ है क्या? | शिष्यों ने एक स्वर में उत्तर दिया, “हा है. संत ने फिर पूछा, “अच्छा, एक बात बताओ, जीभ जन्म से थी और मृत्यु तक रहेगी | और दांत पीछे आए और पहले चले गए. इसका कारण क्या है? | इस प्रश्न का उत्तर कोई नहीं दे सकाFollow-me Instagram click this link


दांत और जीभ की कहानी
दांत और जीभ की कहानी

संत ने कहा, “जीभ कोमल होती है इसलिए टिकी रहती है. दात कठोर थे इसलिए उखड़ गए. मेरा एक ही उपदेश है- दांतों की तरह कठोर मत बनना, जीभ की तरह सदैव मुलायम रहना''. इतना कहकर उन्होंने अपनी आंखें मूंद लीं

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